कोरोना: विश्व के वैज्ञानिकों ने एलर्जी की जांच की,


खबरी, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: सुरेंद्र जोशी
अद्यतित शुक्र, 14 मई 2021 10:06 PM IST

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इंटर्न जर्नल ‘साइंस’ में जीव वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच कराने का आह्वान किया है। आखिर वायरस कैसे पैदा हुआ, इसका जवाब अब तक चीन भी सही तरीके से नहीं दे रहा है।

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– फोटो: सोशल मीडिया

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संपूर्णचे विश्व के लिए चिंता का सबब बने कोरोनावायरस की आखिर उत्पत्ति कैसे हुई? यह राज अब तक सामने आया है। यह इस तरह से पूरी तरह से सही है, इस तरह के ऐसे में विश्व के 16 शीर्ष जीव वैज्ञानिकों ने नई व स्वतंत्र जांच का आह्वान किया है।

इंटरनल जर्नल ‘साइंस’ में प्रकाशित एक पत्र में, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डेविड रिलमैन और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के वॉयरोलॉजिस्ट जेसी ब्लूम सहित 16 अन्य प्रतिष्ठित जीव वैज्ञानिकों ने चीन की अरबोरेटरियों और एजेंसियों को आह्वान किया है कि वे एक स्वतंत्र जांच के लिए अपने रिकॉर्ड को अपने नाम दर्ज करें। निष्कासित करें।

जीव जैसा दिखने वाला जीव जैसा दिखने वाला जीव वैसा ही जैसा होता है। इन बातों को पता होना चाहिए। जब तक कोई तीसरे तरह की आशंका पैदा न हो, तब तक उसी पर फोकस कर पड़ताल की जाना चाहिए।

चमगादड़ से इंसान में फैला: चीन
कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ और चीन द्वारा की गई साझा पड़ताल में दावा किया गया कि यह चमगादड़ से इंसान में पहुंचा। यह चमगादड़ से निकलकर किसी माध्यमिक जानवर के माध्यम से इंसान तक पहुंच गया। यह किसी के एमबीए में हुई दुर्घटना के कारण पैदा नहीं हुआ।

चीन डब्ल्यूडब्ल्यूटीओ की साझा रिपोर्ट वैज्ञानिक नहीं
टाइम्स ऑफ इंडिया के समूह ने जलवायु विज्ञान के अनुकूल विज्ञान के लिए उपयुक्त सूचना के साथ विज्ञान के लिए उपयुक्त विज्ञान की तरह ही इसे साझा किया है। इसमें वायरस पहली बार मनुष्य में कैसे मिला, इसका कोई सबूत नहीं दिया गया। प्रयोगशाला में दुर्घटना की आशंका को लेकर भी रिपोर्ट में केवल एक सरसरी तौर पर जानकारी दी गई है।

इसलिए स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए
जीव वैज्ञानिकों ने मांग की है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच स्वतंत्र, उद्देश्यपूर्ण, डेटा आधारित और व्यापक विशेषज्ञता वाली होनी चाहिए। हिंदुस्तान की नई दिल्ली!

विस्तार

संपूर्णचे विश्व के लिए चिंता का सबब बने कोरोनावायरस की आखिर उत्पत्ति कैसे हुई? यह राज अब तक सामने आया है। यह इस तरह से पूरी तरह से सही है, इस तरह के ऐसे में विश्व के 16 शीर्ष जीव वैज्ञानिकों ने नई व स्वतंत्र जांच का आह्वान किया है।

इंटरनल जर्नल ‘साइंस’ में प्रकाशित एक पत्र में, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डेविड रिलमैन और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के वॉयरोलॉजिस्ट जेसी ब्लूम सहित 16 अन्य प्रतिष्ठित जीव वैज्ञानिकों ने चीन की अरबोरेटरियों और एजेंसियों को आह्वान किया है कि वे एक स्वतंत्र जांच के लिए अपने रिकॉर्ड को अपने नाम दर्ज करें। निष्कासित करें।

जीव जैसा दिखने वाला जीव जैसा दिखने वाला जीव वैसा ही जैसा होता है। इन बातों को पता होना चाहिए। जब तक कोई तीसरे तरह की आशंका पैदा न हो, तब तक उसी पर फोकस कर पड़ताल की जाना चाहिए।

चमगादड़ से इंसान में फैला: चीन

कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ और चीन द्वारा की गई साझा पड़ताल में दावा किया गया कि यह चमगादड़ से इंसान में पहुंचा। यह चमगादड़ से निकलकर किसी माध्यमिक जानवर के माध्यम से इंसान तक पहुंच गया। यह किसी के एमबीए में हुई दुर्घटना के कारण पैदा नहीं हुआ।

चीन डब्ल्यूडब्ल्यूटीओ की साझा रिपोर्ट वैज्ञानिक नहीं

टाइम्स ऑफ इंडिया के समूह ने जलवायु विज्ञान के अनुकूल विज्ञान के लिए उपयुक्त सूचना के साथ विज्ञान के लिए उपयुक्त विज्ञान की तरह ही इसे साझा किया है। इसमें वायरस पहली बार मनुष्य में कैसे मिला, इसका कोई सबूत नहीं दिया गया। प्रयोगशाला में दुर्घटना की आशंका को लेकर भी रिपोर्ट में केवल एक सरसरी तौर पर जानकारी दी गई है।

इसलिए स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए

जीव वैज्ञानिकों ने मांग की है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच स्वतंत्र, उद्देश्यपूर्ण, डेटा आधारित और व्यापक विशेषज्ञता वाली होनी चाहिए। हिंदुस्तान की नई दिल्ली!

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