10 मई से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन
राज्य में 10 मई सुबह पांच बजे से 24 मई सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगने के साथ ही विवाह समारोह 31 मई 2021 के बाद ही आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान सभी प्रकार के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे।
विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार के समारोह, डीजे, बारात और निकासी और प्रीतिभोज आदि की अनुमति 31 मई तक नहीं होगी। विवाह घर पर ही या कोर्ट मैरिज के रूप में ही करने की अनुमति होगी, जिसमें केवल 11 व्यक्ति ही अनुमत होंगे। इसकी सूचना वेब पोर्टल पर देनी होगी।
इनकी अनुमति नहीं होगी
निर्णय के अनुसार विवाह में बैण्ड-बाजे, हलवाई, तंबू या इस प्रकार के अन्य किसी भी व्यक्ति के सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी। शादी के लिए टेंट हाउस और हलवाई से संबंधित किसी भी प्रकार के सामान की होम पेशकश भी नहीं की जा सकेगी।
मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल और होटल परिसर शादी-समारोह के लिए बंद रहेगा। विवाह स्थल के मालिक, टेंट व्यवसायियों, कैटरिंग संचालकों और बैण्ड-बाजा वादकों आदि को पर्यटन राशि के आयोजनकर्ता को लौटानी होगी या बाद में आयोजन करने पर समायोजित होना होगा।
निर्णय के अनुसार किसी भी प्रकार के सामूहिक भोज की अनुमति नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के अस्थिर होने के मामले सामने आए हैं, यह देखता है मनरेगा के कार्य प्रायोजित रहेंगे।
चिकित्सा सेवाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार के निजी और सरकारी परिवहन के साधन जैसे- बस, जीपी आदि पूरी तरह से बंद रहेंगे। बारात की कहानी के लिए बस, औटो, टेम्पो, ट्रैक्टर, जीप आदि की अनुमति नहीं होगी।
श्रृंग के निर्णय के अनुसार अन्तरत्रीय & राज्य के भीतर माल का परिवहन करने वाले भारी वाहनों का बोल, माल उतारने-चढ़ाने और इस कार्य के लिए नियोजित व्यक्ति अनुमतियाँ होंगी। राज्य में चिकित्सा, अन्य आपातकालीन और अनुमतियाँ को छोड़कर एक जिले से दूसरे जिले, एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर और एक गांव से दूसरे गांव में सभी प्रकार के सुनवाई पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
आरटीपीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य किया
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर करवाई गई आरटीपीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यदि कोई यात्री नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता है, तो उसे 15 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।
श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए उद्योगों और निर्माण से संबंधित सभी इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी। श्रमिकों को भाषण में असुविधा नहीं हो, इसके लिए इन इकाइयों द्वारा पहचान पत्र जारी किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश में ऑक्सीजन के ‘अपर्याप्त आवंटन’ पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। त्यागी ने कहा कि आरक्षित में कोरोनाटेन्स की बड़ी संख्या के अनुपात में केंद्र सरकार द्वारा किया गया नाकाफी है।
इसने कहा कि जामनगर से विस्फोटकंटित 200 टन टन ऑक्सीजन की मात्रा में से को को अधिकतम आवंटन किया जाए क्योंकि वर्तमान में को विभाजित रोगियों के लिए प्रदेश में ऑक्सीजन की आवश्यकता 600 मिलियन टन से अधिक पहुंच गई है और 15 मई तक इसके लगभग 795 मिलियन टन तक हो जाना का अनुमान है।
बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार राज्य की आवश्यकता के अनुरूप जल्द-से-जल्द ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाएगी।
9 जिलों में 61.5% मरीज और 70% मौतें हुईं
राजस्थान के 9 जिलों- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, अलवर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर में 61.5% मरीज और 70% मौतें हुई हैं। अगर सरकार इन नौ जिलों में पाबंदियों और सख्त कर दे तो महामारी से तौंग जीती जा सकती है।
नौ जिलों में ही नए पटजीत 16,815 के 61.5% यानी 10341 रोगी मिले हैं। इन जिलों में 73% मौतें हो रही हैं। बुधवार को प्रदेश में कुल 155 मौतें हुईं। इन नौ जिलों में 114 मौतें हुईं। जयपुर में 43, जोधपुर में 20, उदयपुर में 19, बीकानेर में 8, अलवर में 7, कोटा में 6, डूंगरपुर में 5, सीकर और श्रीगंगानगर में 3-3 की मौत हुई।