कोविद -19 का असर: इलाज के एक साल बाद भी रोगियों के लंग्स को नुकसान पहुंचा, अनुसंधान में खुलासा हुआ


एक रिसर्च से पता चला है कि कोविड -19 के गंभीर संक्रमण से अस्पताल में भर्ती ज्यादातर मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर लौटे, लेकिन एक साल बाद भी लंग्स पर प्रभाव के सबूत देखे गए। दुनिया भर में कोरोनावायरस से होनेवाली बीमारी को विभाजित -19 ने करोड़ों लोगों को सहज किया है। लेकिन अक्सर रोगी उस वक्त अस्पताल में दाखिल होते हैं जब कोविड -19 संक्रमण के नतीजे में लंग्स संक्रमण होता है, जिसके लिए कोविड -19 न्यूमोनिया की परिभाषा इस्तेमाल की जाती है।

इलाज के एक साल बाद भी लंग्स पर कोविड -19 का असर

कोविड -19 न्यूमोनिया के इलाज में स्पष्ट विकास हुआ है, लेकिन अब तक इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि रोगियों को पूरी तरह से स्वस्थ होने में कितना समय लग सकता है और लंग्स के अंदर क्या बदलाव आते हैं। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्च में बताया गया कि कोविड -19 से अस्पताल में इलाजरत एक तीन लोगों के लंग्स में एक साल बाद भी नकारात्मक असर के सबूत मिले हैं। शोध के नतीजों को लांसेट रिस्पेरेट्री मेडिसीन में प्रकाशित किया गया है।

शोधकर्ताओं ने वुहान के विशेषज्ञों के साथ गंभीर को विभाजित -19 न्यूमोनिया रोगियों का विश्लेषण ये जानने के लिए किया कि एक साल बाद उनका स्वास्थ्य कैसा है। इसके लिए 83 मरीजों को रिसर्च का हिस्सा बनाया गया जो गंभीर को विभाजित -19 न्यूमोनिया से अस्पताल में भर्ती कर रहे थे। मरीजों का विश्लेषण 3, 6, 9 और 12 महीने तक किया गया। हर बार सुधारयना के दौरान क्लीनिकल मूल्यांकन, लंग्स की तस्वीर लेने के लिए छाती का कठोर स्कैन, व्हालकडमी टेस्ट और लंग्स के कार्य को जांचा गया।

अनुसंधान में एक तिहाई लोगों के लंग्स में परिवर्तन का पता चला

12 महीने के दौरान ज्यादातर रोगियों के लक्षण, व्यायाम की क्षमता और कोविड -19 से संबंधित चूहे परिवर्तन में सुधार हुआ। एक साल बाद अक्सर रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो गए, लेकिन 5 फीसद रोगियों को अभी भी सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। एक तिहाई मरीजों के लंग्स के कार्य सामान्य सतह पर नहीं आ सके थे, विशेषकर लंग्स से खून में ऑक्सीजन को ट्रांसफर करने की क्षमता ज्यादा प्रभावित नजर आई। एक चौथाई मरीजों के कठोर स्कैन से पता चला कि उनके लंग्स के कुछ छोटे हिस्सों में बदलाव आ गए हैं और ये उन मरीजों में ज्यादा आम थे जिनके लंग्स में इलाजरत रहने के दौरान गंभीर संक्रमण का पता चला था।

शोधकर्ताओं ने बताया कि गंभीर कोविड -19 न्यूमोनिया के मरीजों की ज्यादातर संख्या पूरी तरह से स्वस्थ हो गई है, लेकिन कुछ रोगियों को उसके लिए कई महीने तक चले गए। महिलाओं के लंग्स के कार्य का शिशु दर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा और इसको समझने के लिए आगे रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने माना कि ये रिसर्च छोटे पैमाने पर किया गया था और कम रोगियों पर आधारित था। नतीजों को साबित करने के लिए अतिरिक्त रिसर्च की जरूरत है, हालांकि उन्होंने कई महत्वपूर्ण जटिलताओं की पहचान का दावा किया है। अंत में निष्कर्ष निकाला गया कि उनका शोध आगे चलकर कोविड -19 से संबंधित लंग पर असर को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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Tags: को -19 का असर, कोरोना उपचार, कोरोना का इलाज, कोविड -19 के प्रभाव

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