डायबिटीज के मरीजों के लिए कोरोना कुछ ज्यादा ही खतरनाक साबित हो रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो लो-इम्युनिटी के साथ ही कुछ अन्य हेल्थ कंडीशन्स के चलते डायबिटीज के मरीजों को कुछ एक्स्ट्रा रोग रहने की जरूरत है। दैत्याकार बैठक पर विचार-विमर्श होने वाला है।
जलवायु परिवर्तन के मौसम में जलवायु परिवर्तन के मौसम में परिवर्तन होता है। असामान्य रूप से खराब होने पर, खराब होने के कारण खराब होने की स्थिति में भी ऐसा होता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज के मरीजों के लिए निमोनिया में भी एक बड़ा ख़तरा है। कोरोना के कारण अक्सर पशुओं को पूरक और अन्य न्यूट्रीशन दिए जाते हैं जिनके कारण ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ता है। इससे सांस लेने में कठिनाई सहित लंग इन्फेक्शन और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। p>
कोरोना की सेकंड वेव ने ब्लैक फंगस बीमारी को भी बढ़ावा दिया है। इस स्थिति में भी खराब होने की स्थिति में यह स्थिति खराब हो गई थी। आपको बता दें कि डायबिटीज के मरीजों की इम्युनिटी पहले से ही कमजोर रहती है ऐसे में उन्हें ब्लैक फंगस होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं। ऐसे में डायबिटीज के रोगियों को कोरोना संक्रमण के बीच खुद का विशेष ख़याल और अधिक सतर्क रहने की ज़रुरत है। p>
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