टीवी के मशहूर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में टप्पू का किरदार निभाने वाले अभिनेता भव्य गांधी के पिता विनोद गांधी कोरोना से जंग हार गए। बीते मंगलवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वहीं, हाल ही में भव्य की मां यशोदा गांधी ने बताया है कि किस तरह विनोद के फेफड़े में खिंचाव COVID-19 संक्रमण दो दिनों में दोगुना हो गया और इसके बाद इलाज करवाने में बिस्तर से लेकर ऑक्सीजन और दवाई के लिए कितनी परेशानियां झेलनी पड़ीं। ।
ऐसे फेफड़ों का संक्रमण बढ़ाएँ
डिस्प्लेबॉय से बातचीत के दौरान यशोदा ने कहा कि एक विनोद को एक महीने पहले छाती में दर्द के साथ हल्का बुखार हुआ था। जिसके बाद चेस्ट स्कैन में 5% फेफड़े में इंफेक्शन निकला लेकिन डॉ ने होम आइसोलेशन में रहने और विशेषज्ञ की बात करके दवा शुरू करने की सलाह दी। ये सब करने के बावजूद दो दिन बाद तक उन्हें कोई आराम नहीं मिला। यशोदा ने बताया कि ‘हमने स्कैन स्कैन करवाया और दुर्भाग्य से पता चला कि इन्फेक्शन दोगुना बढ़ गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा मुश्किल समय में मुझे कोई अस्पताल नहीं मिल रहा था। मैं जहां भी कॉल कर रहा था, लोग मुझे BMC में रजिस्टर करने के लिए बोल रहे थे, उनका कहना था कि नंबर कब तक बता दिया जाएगा।)
आईसीयू के लिए 500 कॉल
यशोदा ने आगे बताया कि- ‘बहुत कोशिशों के बाद मुझे उनके लिए दादर में एक अस्पताल मिला, जहां उन दो दिनों तक रहने और फिर डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें आईसीयू की जरूरत है और उनके पास वह उपलब्ध नहीं था। ऐसे में रोगी को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ेगा। इसके बाद मैंने आईसीयू बेड वॉल्डने के लिए कम से कम 500 कॉल किए … मेरे एक दोस्त ने गोरेगांव में एक छोटे से अस्पताल में आईसीयू बेड का इंतजाम करवाया ‘।
दुबई से मंगवाया गया इंजेक्शन लेकिन …
यशोदा ने बताया कि मसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं … ‘डॉ ने हमें रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए कहा और मैंने वास्तव में 6 इंजेक्शन के लिए 8 इंजेक्शन की कीमत दी है। इसके बाद उन्होंने मुझे टोक्सिन इंजेक्शन लाने को कहा … मुझे एक स्रोत का इस्तेमाल करके दुबई से ये इंजेक्शन इंपोर्ट करवाना पड़ा, मुझे ये 45 हजार का इंजेक्शन 1 लाख रुपए का पड़ा। इसके बाद उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां 15 दिन रहने के बाद मंगलवार को उनका निधन हो गया ‘। यशोदा बताती हैं कि ‘मैंने उन्हें आखिरी बार 23 अप्रैल को देखा था, दूरी से … वो बेहोश थे और मुझे कोई मदद नहीं मिली।’