फैसला: गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम पहुंची बंगाल, हिंसा के मामलों की करेगी जांच


रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता

द्वारा प्रकाशित: कुमार संभव
अपडेटेड थू, 06 मई 2021 12:40 PM IST

सार

अधिकारियों ने गुरुवार (6 मई) को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल पहुंच चुका है।

बंगाल हिंसा की जांच करने पहुंची टीम
– फोटो: एएनआई

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुए कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। अधिकारियों ने गुरुवार (6 मई) को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल पहुंच चुका है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार (5 मई) को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और समय गंवाए बिना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा था।

मंत्रालय ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो मामला को गंभीरता से लिया जाएगा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में मंगलवार तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस ने गुंडों को पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की। महिला सदस्यों पर हमला किया गया। उनके घरों में तोड़फोड़ की। दुकानों को लूट लिया और लाइनों को आग के हवाले कर दिया।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को बंगाल के हिंसा प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव के बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि हिंसा और टकराव उन क्षेत्रों में हो रहा है, जहां भाजपा के नेताओं ने चुनाव में जीत दर्ज की है।

विस्तार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुए कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। अधिकारियों ने गुरुवार (6 मई) को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल पहुंच चुका है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार (5 मई) को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और समय गंवाए बिना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा था।

मंत्रालय ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो मामला को गंभीरता से लिया जाएगा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में मंगलवार तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस ने गुंडों को पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की। महिला सदस्यों पर हमला किया गया। उनके घरों में तोड़फोड़ की। दुकानों को लूट लिया और लाइनों को आग के हवाले कर दिया।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को बंगाल के हिंसा प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव के बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि हिंसा और टकराव उन क्षेत्रों में हो रहा है, जहां भाजपा के नेताओं ने चुनाव में जीत दर्ज की है।





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