कोरोना महामारी के बीच राजधानी दिल्ली में केंद्रीय विस्टा परियोजना का काम जारी रखने को लेकर केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। अपने जवाब में केंद्र ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को जारी रखते हुए का बचाव किया है और इसे रोकने के लिए दायर की गई याचिका को करार कानून का दुरुपयोग ’करार दिया है। केंद्र ने कोर्ट से याचिका को खारिज करने की मांग भी की है।
हाई कोर्ट में प्रोजेक्ट का काम रोकने संबंधी याचिका को लेकर केंद्र ने अपना जवाब दाखिल किया है। अब कोर्ट ने कहा है कि वह मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार को करेगा।
केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है, ‘इस परियोजना को रोकने के लिए दायर की गई याचिका कानूनी प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और इस परियोजना को लटकाने का एक और प्रयास भर है।’
केंद्र सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट्स में चल रहे काम का बचाव करता है और कहता है कि परियोजना के निर्माण को रोकने की मांग करने वाली याचिका “कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और परियोजना को रोकने के लिए एक और प्रयास है।” केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से याचिका खारिज करने का आग्रह किया।
– एएनआई (@ANI) 11 मई, 2021
केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि 19 अप्रैल 2021 को जारी किया गया है कि डीडीएमए भर्ती के मुताबिक, कर्फ्यू अवधि में उन स्थानों पर निर्माण कार्य जारी रखा जा सकता है, जहां मजदूर उसी साइट पर रहेंगे।
सोमवार को, सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने की गुजारिश दिल्ली हाई कोर्ट से चली गई थी। अब कोर्ट इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा।
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका एक ट्रांसलेटर आन्या मल्होत्रा और इतिहासकार सोहैल हाश्मी ने दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि वे परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के कोरोना से भिन्न होने के खतरे से चिंतित हैं।