पंचांग (वैदिक कैलेंडर) के अनुसार, 17 मई वर्ष विक्रम संवत 2078 में वैशाख के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। सोमवार या सोमवार हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार के दिन भक्त भगवान की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। लोग उनकी पूजा करते हैं और विशेष रूप से अर्धनारीश्वर पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। वे ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का भी जाप करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए शिव पुराण जैसे शास्त्र पढ़ते हैं।
यहां तिथि, राशि, नक्षत्र और दिन के अन्य विवरण दिए गए हैं:
सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रोदय का समय:
सोमवार को सूर्योदय सुबह 5:44 बजे होगा जबकि सूर्यास्त शाम 06:42 बजे होगा।
चंद्रोदय सुबह 09:57 बजे और चंद्रोदय का समय 11:29 बजे है।
तिथि, नक्षत्र और राशि विवरण:
पंचमी तिथि पूर्वाह्न 11:34 बजे तक रहेगी और फिर पूरे दिन षष्ठी तिथि होगी। दोपहर 01:22 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा, बाद में पुष्य प्रारंभ होगा। सूर्य वृषभ राशि में चला जाएगा और कुछ दिनों तक प्रबल रहेगा। सोमवार को सूर्य नक्षत्र कृतिका में रहेगा।
चंद्रमा मिथुन राशि में जाएगा और कर्क राशि में जाने से पहले सुबह 06:53 बजे तक रहेगा। दिन का नक्षत्र दोपहर 01:22 बजे तक पुनर्वसु रहेगा जिसके बाद पुष्य प्रारंभ होगा। यह 18 मई को सुबह 02:13 बजे तक प्रभावी रहेगा।
17 मई को शुभ मुहूर्त:
सभी शुभ मुहूर्तों में अभिजीत मुहूर्त सबसे अधिक भाग्यशाली होता है। यह सुबह 11:47 बजे शुरू होगा और 17 मई को दोपहर 12:39 बजे समाप्त होगा।
इसके अलावा गोधुली मुहूर्त शाम 06:29 बजे से शाम 06:53 बजे तक रहेगा और अमृत कलाम सुबह 10:45 बजे शुरू होकर दोपहर 12:30 बजे समाप्त होगा। जबकि सयाहना संध्या 06:42 बजे से शाम 07:48 बजे तक चलेगी।
17 मई को आशुभ मुहूर्त:
राहु कलाम, दिन का सबसे अशुभ समय 17 मई को सुबह 07:21 बजे से 08:58 बजे तक रहेगा।
गुलिकाई कलाम दोपहर 1:50 बजे से 3:27 बजे तक, वर्ज्यम रात 9:53 बजे से 11:35 बजे तक चलेगा.
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