कांग्रेस का आरोप: मोदी सरकार की असंवेदनशीलता का परिणाम कोरोना की दूसरी लहर है


कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि को विभाजित -19 महामारी की दूसरी लहर एक बड़ी आपदा है और यह केंद्र की मोदी सरकार की असंवेदनशीलता और अत्मठता का सीधा नतीजा है। यह सरकार की ओर से वैज्ञानिक सलाह को नजरअंदाज करने का सीधा परिणाम है।

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति मोदी सरकार की टीकाकरण रणनीति को लेकर बेहद चिंतित है। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय आपूर्ति पर्याप्त नहीं है, इसके बाद भी सरकार तथ्यों को स्वीकार करने से इनकार कर रही है। उन्होंने कहा कि टीके की मूल्य निर्धारण नीति अपारदर्शी और भेदभावपूर्ण और आर्थिक रूप से विपरीत है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने उन राज्यों पर 18 से 45 वर्ष आयु वाले लोगों के टीकाकरण की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है, जो पहले से ही कई वित्तीय संकटों का सामना कर रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि अनिवार्य पंजीकरण और आकर केक न लगवाने की सुविधा से लाखों लोग टीकाकरण से वंचित हो रहे हैं और निहित रहेंगे।

प्रधानमंत्री की प्राथमिकता

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी क्षमताओं का प्राथमिकता देना चाहिए। उन्हें व्यक्तिगत एजेंडे पर चलने और समस्याओं से बेखबर होने के स्थान पर जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। सीडब्ल्यूसी ने टीकाकरण नीति पर चिंता जताते हुए कहा कि आपूर्ति अपर्याप्त है और मूल्य निर्धारण नीति अपारदर्शी व भेदभावपूर्ण है।

इसके साथ ही कांग्रेस कार्य समिति ने कोविद -19 वैश्विक महामारी से मरने वालों के सरकारी आंकड़ों, मौत के मामलों को कथित तौर पर दर्ज न किए जाने को लेकर सवाल उठाया। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि समाधान कठिनाइयों का सामना करने में हैं, सच छिपाने में नहीं। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि यह स्थिति मोदी सरकार की नाकामी का सबूत है।

इस संबंध में पेश किए गए पारित किए गए एक प्रस्ताव में दावा किया गया है, ’18 से 44 साल आयुवर्ग की भारत की युवा आबादी को कोरोना निरोधेक लगाने की जिम्मेदारी से भारत सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है और इसके सारा आर्थिक बोझ राज्यों के ऊपर है। विसर्जन लाद दिया है। ‘

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया एक पत्र का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्य समिति ने कहा कि सिंह के रचनात्मक सुझावों पर विचार करना तो दूर, इस ‘अहंकारी’ सरकार ने जो रवैया अपनाया वो निंदनीय है।

सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया, ‘कोरोना से होने वाली मौतों के आंकडे को सामने रखने की बजाय सरकार कि पूरे आंकड़ों को छुपाने का एक कुत्सित प्रयास कर रही है … आज इस चुनौतीपूर्ण माहौल में आंकड़ों को दबाना, छुपाना या फिर परमशान घाट के चारों ओर। ओर दीवार बनाना, हलका नहीं है। ‘

सेंट्रल विस्टा परियोजना को आर्थिक अपराध बताया

वहीं, सेंट्रल विस्टा परियोजना का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में दावा किया गया कि यह जनता के पैसे की आपराधिक सीमा है। सीडब्ल्यूसी ने कहा, राष्ट्रीयता और राष्ट्रीय संकल्प से ही कोरोना महामारी से नौका जा सकती है, बिल्कुल एकजुट होकर। इसके लिए प्रधानमंत्री को अपनी गलतियां स्वीकार कर नए सिरे से कोरोना से लड़ने के लिए स्वयं को और अपनी सरकार को समर्पित करना होगा।

कार्य समिति के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कांग्रेस पार्टी कोरोना 19 महामारी में हर प्रकार के रचनात्मक कदम, जो सरकार उठाएगी, में उसके साथ सदैव ढेर रहेगा।’ उन्होंने कोरोना संकट में भारत की मदद करने वाले देशों और संगठनों का भी आभार प्रकट किया।

हार के कारणों का पता लगाने के लिए बनेगा समूह

कांग्रेस ने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिए अगले 48 घंटों के भीतर एक समूह गठित करने का फैसला किया है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह प्रस्ताव किया कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए एक समूह का गठन किया जाएगा।

सोनिया गांधी ने कहा कि इन परिणामों से स्पष्ट है कि कांग्रेस में चीजों को दुरुस्त करना होगा। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अगले 48 घंटे के भीतर समूह का गठन कर दिया जाएगा और यह जल्द ही जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगा। वेणुगोपाल ने यह भी कहा, ‘इस समूह की रिपोर्ट के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।’





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