स्पीकर का चुनाव शनिवार के लिए निर्धारित है।
बी जे पी कानूनविद चुनाव के बाद की हिंसा के विरोध में विधानसभा में शामिल नहीं होंगे।
घोष ने राज्य विधानसभा में संवाददाताओं से कहा, “हम कल स्पीकर के चुनाव में शामिल नहीं होंगे। हम सदन के सत्रों में भी शामिल नहीं होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “जब तक हमारे विधायकों को पूरी सुरक्षा नहीं मिल जाती, हम विधानसभा में नहीं आएंगे … हम तभी आएंगे जब हमारे विधायक हमारे कार्यकर्ताओं के साथ चल पाएंगे।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को कहा था कि 16 व्यक्तियों – दोनों से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा और एक से आईएसएफ राज्य में हुई पोस्ट पोल हिंसा में अपनी जान गंवा दी थी। परिणाम 2 मई को घोषित किए गए थे।
घोष ने कहा, “हम उम्मीद करेंगे कि सरकार हिंसा रोकने और हिंसा में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की पहल करेगी।”
बनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की थी कि राज्य में आठ चरण के चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों में से प्रत्येक के परिवार के सदस्यों को सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे।
चार सदस्यीय तथ्य खोजने वाली टीम केंद्रीय गृह मंत्रालय चुनाव के बाद की हिंसा के कारणों पर गौर करने के लिए राज्य का दौरा कर रहा है।
उन्होंने राज्य सचिवालय में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की और शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर हिंसा पर रिपोर्ट मांगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने धनखड़ को राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है, विशेष रूप से हिंसा जो चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हुई।