अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
द्वारा प्रकाशित: विनोद सिंह
अपडेट किया गया गुरु, 13 मई 2021 12:03 AM IST
कोरोना की दूसरी लहर में प्रयागराज में हजारों की संख्या में लोग चपेट में आ गए। इन से कई लोगों की जान भी चली गई, तो बहुत से ऐसे होने के बारे में जो मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए इस बीमारी से जंग लड़ी और स्वस्थ भी हुए। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र प्रसाद मिश्र का उदाहरण लें तो उनके परिवार में एक-एक करके 26 लोग कोरोना से चेतन हुए, लेकिन इन सभी ने होम आइसोलेट रहते हुए कोरोना को शिकस्त दे दी। अब सभी स्वस्थ हैं।
आजाद नगर निवासी राघवेंद्र मिश्र के छोटे बेटे सबसे पहले 11 अप्रैल को कोरोनाटेप हुए। इसके बाद परिवार में एक-एक करके 26 सदस्य कोरोना पगीटिव हो गए। सम्पूर्ण परिवार के होने की वजह से घर में कुल 31 सदस्य होते हैं। महज दस दिन के अंतराल में 26 सदस्यों के विभिन्न होने से परिवार के लोग काफी चिंतित हैं। इस दौरान 87 साल के राघवेंद्र मिश्र भी संदिग्ध हो गए। उनके परिवार के लोग राघवेंद्र मिश्र के स्वभाव होने से ज्यादा परेशान हो गए। क्योंकि साल 2012 में उन्होंने अपनी एक किडनी अपने बेटे को दान कर दी थी, लेकिन राघवेंद्र मिश्र ने हिम्मत नहीं हारी।
परिवार के सभी योग्य लोगों का वह लगातार उत्साहवर्धन करते रहते हैं। उनके पुत्र एवं खेल शिक्षक रवींद्र मिश्र ने बताया कि इस अवधि में हम सभी ने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवाओं का सेवन तो किया ही, साथ ही नियमित रूप से योग, भाप, काढ़ा व हल्दी वाला दूध भी पीया। अब घर में सभी लोग स्वस्थ हैं। इस दौरान बड़े भाई और अधिवक्ता रघुराज किशोर मिश्र, डाॅ। मुनर किशोर मिश्र, कंदर्प किशोर मिश्रा, 13 वर्ष के अनघ मिश्रा सहित सभी 26 लोग स्वस्थ हो गए हैं। बीच में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ। मुरली मनोहर जोशी ने राघवेंद्र मिश्र को फोन कर उनका हालचाल लिया।
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कोरोना की दूसरी लहर में प्रयागराज में हजारों की संख्या में लोग चपेट में आ गए। इन से कई लोगों की जान भी चली गई, तो बहुत से ऐसे होने के बारे में जो मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए इस बीमारी से जंग लड़ी और स्वस्थ भी हुए। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र प्रसाद मिश्र का उदाहरण लें तो उनके परिवार में एक-एक करके 26 लोग कोरोना से चेतन हुए, लेकिन इन सभी ने होम आइसोलेट रहते हुए कोरोना को शिकस्त दे दी। अब सभी स्वस्थ हैं।
आजाद नगर निवासी राघवेंद्र मिश्र के छोटे बेटे सबसे पहले 11 अप्रैल को कोरोनाटेप हुए। इसके बाद परिवार में एक-एक करके 26 सदस्य कोरोना पगीटिव हो गए। संयुक्त परिवार होने की वजह से उनके घर में कुल 31 सदस्य हैं। महज दस दिन के अंतराल में 26 सदस्यों के विभिन्न होने से परिवार के लोग काफी चिंतित हैं। इस दौरान 87 साल के राघवेंद्र मिश्र भी संदिग्ध हो गए। उनके परिवार के लोग राघवेंद्र मिश्र के स्वभाव होने से ज्यादा परेशान हो गए। क्योंकि साल 2012 में उन्होंने अपनी एक किडनी अपने बेटे को दान कर दी थी, लेकिन राघवेंद्र मिश्र ने हिम्मत नहीं हारी।
परिवार के सभी योग्य लोगों का वह लगातार उत्साहवर्धन करते रहते हैं। उनके पुत्र एवं खेल शिक्षक रवींद्र मिश्र ने बताया कि इस अवधि में हम सभी ने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवाओं का सेवन तो किया ही, साथ ही नियमित रूप से योग, भाप, काढ़ा व हल्दी वाला दूध भी पीया। अब घर में सभी लोग स्वस्थ हैं। इस दौरान बड़े भाई और अधिवक्ता रघुराज किशोर मिश्र, डाॅ। मुनीर किशोर मिश्री, कंदरपी किशोर मिश्रा, 13 साल के अनघ मिश्रा सभी 26 स्वस्थ हो गए। बीच में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ। मुरली मनोहर जोशी ने राघवेंद्र मिश्र को फोन कर उनका हालचाल लिया।
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